हरियाणा प्रदेश के प्राचीन नाम

हरियाणा शब्द बना है संस्कृत शब्द से हरि + आयन, जहां हरि का अर्थ है भगवान विष्णु और आयन का अर्थ है निवास स्थान | इसलिए हरियाणा को भगवान का निवास स्थान भी कहा जाता था | पुराने समय में हरियाणा प्रदेश को अलग अलग नाम से जाना जाता था जैसेः ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त और ब्रहमोप्देस आदि | इस पोस्ट में हम हरियाणा के प्राचीन नामो को पढेगे

सर्वप्रथम हरियाणा शब्द का प्रयोग विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ‘ऋग्वेद ‘ में ‘ रज हरियाणे ‘ के रूप में हुआ |

हरियाणा को दिए गये विभिन्न नाम

1 मनुस्मृति में हरियाणा का नाम ब्रह्मावर्त 
2महाभारत काल में हरियाणा का नाम बहुधान्या
3योधेय काल में हरियाणा का नामबहुधान्यक
4स्कंदगुप्तपुराण में हरियाणा का नामहरियाल
5पुष्पदंत द्वारा रचित महापुराण मेंहरियाणु
6बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित्र में श्री कंठ जनपद
7बुद्ध द्वारा दिए गये संक्षलिथ अवशेष में अभिरणाया
8बिजौलिया शिलालेखहरितानक
9डा. एच.आर. गुप्ताआर्यना (आर्यों का घर)
10यदुनाथ सरकारहरियाल
11डा. बुद्ध प्रकाशअहीर याणा (अभिरणा)
12महाराज कृष्णहरना (लूटपाट का केंद्र)
13राहुल सांकृत्यानहरिधानक्या
14जैन कवि श्रीधर के ग्रन्थ पासणाहचरिउ मेंहरियाणाए

FAQ

  1. महाभारत में हरियाणा का नाम क्या था बहुधान्या
  2. भारत में हरियाणा को क्या कहा गया है? – भारत की रोटी की टोकरी 
  3. हरियाणा का मतलब क्या होता है? – संस्कृत शब्द से हरि + आयन, जहां हरि का अर्थ है भगवान विष्णु और आयन का अर्थ है निवास स्थान | इसलिए हरियाणा को भगवान का निवास स्थान भी कहा जाता था |
  4. हरियाणा का प्रादेशिक नाम काया है – ब्रह्मवर्त

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